झूठी है नवंबर में 15 दिन तक अंधेरा छाने की बात

इन दिनों वॉट्सऐप और फेसबुक पर एक मेसेज जमकर शेयर किया जा रहा है। एक तो अखबार की कटिंग है और एक विडियो। जो कुछ इस अखबार की कटिंग में पढ़ने को मिलता है, उसका एक-एक शब्द विडियो में भी सुनाई दे रहा हैै। हकीकत यह है कि जो कुछ इनमें बताया जा रहा है, सरासर झूठ और बकवास है।

मेसेज में कहा जा रहा है- NASA ने कहा है कि नवंबर में 15 दिन तक पृथ्वी पर सूरज नहीं दिखेगा।

इससे ज्यादा फर्जी और बेवकूफाना बात कोई और नहीं हो सकती। कॉमनसेंस इस्तेमाल करने पर ही इसकी पोल खुल जाती है। तर्क की कसौटी पर ही यह दावा खरा नहीं उतरता।

स्पेस से रात को ली गई पृथ्वी की तस्वीरों को कंपाइल करके बनाई गई इमेज (साभार: dailymaiil.co,uk)
पहली बात तो यह है कि NASA ने इस तरह की कोई चेतावनी नहीं दी है और यह hoax यानी अफवाह है। दूसरी बात- हमें बचपन में ही पढ़ाया जाता है कि धरती पर अंधेरा तभी हो सकता है जब कोई ग्रह या अन्य पिंड सूरज और धरती के बीच आए। जैसे कि चंद्रमा आता है तो ग्रहण लगता है। इस खबर और विडियो में लिखा गया है कि यह घटना मंगल और वृहस्पति की वजह से होगी। लॉजिक क्या है इसका? सूरज और पृथ्वी के बीच सिर्फ बुध और शुक्र पड़ते हैं, जो कि बहुद दूर हैं। उनके धरती और सूरज के बीच में आने से ग्रहण भी नहीं लग पाता। वे सूरज के बीच बिंदी जैसे दिखते हैं।

वैसे भी मंगल और वृहस्पति ग्रह सूरज से पृथ्वी के बाद आते हैं यानी वे कभी भी इन दोनों के बीच नहीं आ सकते। ऐसे में मंगल और वृहस्पति की वजह से अंधेरा कैसे हो जाएगा, यह बात समझ से परे है।

मेसेज में यह भी ब ताया जा रहा है कि इस घटना को ऐस्ट्रनॉमिकल इयर कहा जाएगा। आपको मालूम होना चाहिए कि ऐस्ट्रनॉमिकल इयर पहले से ही परिभाषित टर्म है, जिसका मतलब है- वह समय, जिसमें पृथ्वी सूरज का चक्कर लगाती है। यानी हम जिसे कैलंडर इयर कहते हैं, उसे गणित औऱ खगोलशास्त्र की भाषा में ऐस्ट्रनॉमिकल इयर कहा जाता है। गणनाओं के आधार पर कई ऐस्ट्रनॉमिकल इयर हैं, जैसे- जूलियन इयर या ड्रैकॉनिक इयर आदि।

तीसरी बात- इसमें कहा गया है कि इस घटना को नवंबर ब्लैकआउट कहा जाता है। दरअसल 1965 में नवंबर के महीने में कनाडा और अमेरिका के कई शहर बिजली गुल होने की वजह से अंधेरे में डूबे रहे थे। उस घटना को ही नॉर्थ-ईस्ट ब्लैकआउट या नवंबर ब्लैकआउट कहा जाता है।

रही बात अखबारों में छपने या किसी चैनल में चलने की, वहां भी बेवकूफ काम कर सकते हैं। ऐसे आलसी लोग, जो कहीं से कुछ भी बिना वेरिफाई किए आगे बढ़ा देते हैं।

इसलिए Share ही करना है तो इस जानकारी को आगे बढ़ाएं। भले ही कॉपी-पेस्ट करें मगर अफवाहें न फैलाएं। जिम्मेदार बनें और तथ्यों को क्रॉच चेक करने की आदत डालें।

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